बेरुखी कहे या बदतमीजी उनकी
साथ निभाने के वादे
चोट उसे लगती तो दर्द मुझे होता था..
गुफ्तगू
बेरुखी कहे या बदतमीजी उनकी..
“DADY Ji” – Poem by Curiositytales – Shaina Bansal
Heart touching Poem by Curiositytales – Shaina Bansal
Azlat
Lakh karlo Koshish,
kuch na kuch Kami reh hi jati hai
Umeed
बड़ी उम्मीद से कहा था साथ
तेरे सर पे उसका हाथ है
वो मंजिलें जो तेरी हैं , तो रास्ता भी तेरा होगा तू गुजरता था अंधेरों से , तू यकीन रख सवेरा होगा तेरा हौंसला बुझायेगी , क्या आंधीयों की औकात है है डर तुझे किस बात का , तेरे सर पे उसका हाथ है….. तू खाक हो तू पाक हो बेखौफ तू बे-बेबाक हो जला […]
Maa Paa
lagti hu mai Maa jesi mujhe sab kehte hai,
soch hai bilkul Papa si ye bhi kehte hai,